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प्राथमिक विद्यालय की स्थिति

प्राथमिक विद्यालय की स्थिति शिक्षक समाज  के निर्माता होते हैं। समाज में विद्यालय आते हैं । विद्यालय के मुखिया शिक्षक होते हैं। वे भले ही आज पढ़ाते हैं परंतु उनका सोच यह होता है कि आने वाले दिनों में उन बच्चों का भविष्य बेहतर हो, ऐसे भी शिक्षक समाज से जुड़े रहते हैं। इससे प्राथमिक विद्यालय की स्थिति महत्वपूर्ण होते हैं।  समाज में शिक्षकों का स्थान युगों युगों से सर्वोपरि होता है। कबीरदास जी कहते हैं -: " गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पायं।  बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।।"               जिस तरह हमारे जीवन के लिए ऑक्सीजन जरूरी होते हैं, उसी तरह हमारे जीवन सुधारने के लिए विद्यालय के शिक्षक होते हैं।               प्राथमिक विद्यालय, प्रयास सुधार की एक कदम अति महत्वपूर्ण है। क्योकि शिक्षक उन बच्चों को अनुशासित करते हैं। वे अज्ञानता से ज्ञानता की ओर उन्मुख कराते हैं ।विद्यालई शिक्षा जीवन में हमेशा मददगार होता है, बच्चे बड़े होकर अपने जीवन को बेहतर ढंग से प्रारंभ कर सकते हैं।                विद्यालय को विद्या के मंदिर और उस मंदिर का पुजारी शिक्षक और बच्चे होते हैं। जि