एक राष्ट्र निर्माण में शासकों का योगदान होता है , बच्चों के सृजनात्मक (क्रिएटिव ) बनाने में उनके माता - पिता गुरु एवं समाज की अहम भूमिका होती है । जब बच्चे जन्म लेते हैं, तभी से सीखना प्रारंभ कर देते हैं,धीरे-धीरे बड़े होने लगते हैं। वह अनेकों ऐसी क्रिया करते हैं, एक ही क्रिया को बार-बार करके सीखते हैं , उसी समय से बच्चों में सृजनशीलता झलकने लगता है। माता पिता को अपने बच्चे पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। वैसे तो प्रत्येक बच्चे में सृजनशील होने के गुण होते हैं। लेकिन सही पर्यावरण नहीं मिलने के कारण उनका विकास नहीं हो पाता है। अपने बच्चे को सृजनशील बनाने के लिए सही परिवेश का होना जरूरी होता है। निम्न तरीकों से माता-पिता अपने बच्चे को क्रिएटिव बना सकते हैं। 1) अभिभावक अपने बच्चे पर ध्यान रखे -: प्रत्येक अभिभावक अपने बच्चे को अच्छा या क्रिएटिव बनाने का सपना देखते हैं । यह मनुष्यों का स्वभाव है परंतु माता-पिता अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं । जिससे बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते । कभी कभी समय निकालकर बच्चे के साथ रहना उनकी बातों को समझना। वह क्या
आप किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कैसे करते हैं, तो कुछ बातें ध्यान देने होंगे। ये बातें आपकी तैयारी में चार चांद लगा देगा। "जिस प्रकार एक शिशु को अपनी मां का दूध सर्वोत्तम होते हैं, उसी प्रकार प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वालो के लिए यह बातें उतनी ही महत्वपूर्ण है जो छात्र पहले प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते हैं, उनको तोमालूम होगा। लेकिन जो छात्र नये हैं, उनके लिए मिल का पत्थर साबित होगा। सबसे पहले एक बड़ा लक्ष्य बनायें। अपने जीवन में लक्ष्य प्राप्त करना बहुत आसान है, अब उस पर उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें निम्न हैैं। 1) निरंतर अभ्यास के लिए आप दो से तीन वर्ष तक गहन अध्ययन करें। 2) नित्य दिन योगाभ्यास एवं ध्यान केंद्रित करना बहुत जरूरी है। 3) प्रत्येक दिन साधारण नौकरी की तैयारी करने वाले 6 से 7 घंटे पढ़ें । सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले 12 से 14 घंटे पढ़ाई नियमित करें। 4) लगातार 30 से 40 मिनट पढ़ने के बाद 5 से 7 मिनट का ब्रेक लें। 5) जो भी पढ़ें आत्मविश्वास के साथ पढ़ें । 6) कठिन परिश्रम, धैर्य ,संकल्प ,सकरात
विकसित देश के लिए शिक्षा का महत्व हर माता-पिता अपने बच्चे को सफलता की सीढ़ी पर चढ़ते देखना चाहते हैं । यह तभी संभव है जब अच्छी शिक्षा प्राप्त हो। हम सभी अपने बच्चों को बचपन से ही शिक्षा का महत्व के बारे में बताते हैं । एक-एक व्यक्ति को शिक्षित करने से हमारे समाज के प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित होगें। एक अच्छे समाज की परिकल्पना तभी संभव होगा ,जब उन लोगों को शिक्षा का महत्व की जानकारी होगा। विकसित देश के लिए शिक्षा का महत्व "शिक्षा सबसे ताकतवर शस्त्र है,जिसे आप संसार परिवर्तन करने के लिए प्रयोग कर सकते हैं।" जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षा अत्यंत ही महत्वपूर्ण है । लड़का और लड़की दोनों के शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। ऐसे लड़कियों की शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है , क्योंकि लड़कियां शादी करने के बाद ससुराल चली जाती हैं , वहां अपने ससुराल में भी शिक्षा का महत्व के बारे में जानकारी देगीं। शिक्षा का माध्यम से व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता है , हर क्षेत्र में शिक्षा जरूरी है । शिक्षित व्यक्ति के ललाट चमकने लगता है
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